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Showing posts from August, 2023

विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को डॉ. अभिनव कपूर ने अर्पित किये श्रद्धासुमन

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देहरादून।  प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर भारत के विभाजन की विभीषिका में अपने प्राण गंवाने वाले और विस्थापन का दर्द झेलने वाले असंख्य भारतीयों को नमन किया। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- 14 अगस्त ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर हिंसा, उन्माद और नृशंसता की भेंट चढ़, अपने मान-सम्मान और प्राणों की आहुति देने वाली प्रत्येक पुण्यात्मा को शत्-शत् नमन डॉ. अभिनव कपूर ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में 14 अगस्त कभी न भूलने वाली तिथि है। आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का दुःखद विभाजन किया, जिसके दुष्परिणामस्वरूप असंख्य देश वासियों ने यातनाएं झेलीं और अपनी जान गंवाई। ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर बलिदान हुए सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि। इस क्रूर-वीभत्स यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी संवे...

‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ पर हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने व स्वदेशी अपनाने का लें संकल्प : डॉ. अभिनव कपूर

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देहरादून।  प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक, ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा रत्न की उपाधि से सम्मानित डॉ. अभिनव कपूर ने ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ पर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- समस्त देशवासियों, विशेषतौर पर हथकरघा बुनकरों एवं व्यवसायियों को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के हर क्षेत्र के हथकरघा उद्योग की अपनी एक अलग पहचान है, जो देश की विभिन्नता में एकता का सच्चा चित्रण प्रस्तुत करती है। जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि भारत का हथकरघा क्षेत्र पूरे विश्व में हमारी समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस भारतीय कला को एक बार फिर से नई पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हथकरघा दिवस मनाने की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि आज हथकरघा की कला संरक्षित हो रही है और बुनकरों के लिए अनेक अवसर तथा निर्यात के लिए बाजार उपलब्ध हैं। इससे बुनकर व हथकरघा उद्योग दोनों हीं सशक्त हो रहे हैं। हथकरघा भ...