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Showing posts from May, 2025

भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख उत्सव है ‘वट सावित्री व्रत’ : वंशिका सोनकर

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देहरादून।   युवा भाजपा नेत्री एवं वार्ड संख्या 18, इंदिरा कॉलोनी की नगर निगम पार्षद वंशिका सोनकर ने धार्मिक आस्था एवं अखंड सौभाग्य के पावन पर्व ‘वट सावित्री व्रत’ के पावन अवसर पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में पार्षद वंशिका सोनकर ने कहा- प्रकृति के प्रति भारतीय भावों के समर्पण को दर्शाते महान पर्व ‘वट सावित्री व्रत पूजन’ की आप सभी मातृशक्ति को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर ईश्वर से आपके सुखद एवं मंगलमय दांपत्य जीवन की कामना करती हूं। युवा भाजपा नेत्री वंशिका सोनकर ने कहा- हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्व है। वट सावित्री व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख उत्सव है। जिसमें महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा कर अपने पतियों और परिवार की भलाई के लिए उपवास करती हैं। उन्होंने कहा- वट सावित्री व्रत को करने से पति की लंबी उम्र, सुखी दांपत्य जीवन और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लिए थे, जिससे यह व...

उत्तराखंड राज्य के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता : वंशिका सोनकर

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देहरादून।   युवा भाजपा नेत्री एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी की पार्षद वंशिका सोनकर ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद और ‘चिपको आन्दोलन’ के प्रमुख नेता स्वर्गीय सुन्दरलाल बहुगुणा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सादर नमन किया। स्वर्गीय बहुगुणा जी की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए एवँ उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए पार्षद वंशिका सोनकर ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा जी की महानता का जितना भी गुणगाण किया जाए कम ही है। उन्होंने कहा कि स्व. सुन्दरलाल बहुगुणा प्रसिद्ध पर्यावरणविद और ‘चिपको आन्दोलन’ के प्रमुख नेता थे। चिपको आन्दोलन के कारण वे विश्वभर में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उन्हें 1984 के राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पार्षद वंशिका सोनकर ने कहा कि सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के सिलयारा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने सिलयारा में ही ‘पर्वतीय नवजीवन मण्डल’ की स्थापना भी की। 1949 में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद सुन्दरलाल बहुगुणा दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए और उनके...